इतिहास में जैसे अनेकों संत महात्माओं को संसार ने ईर्ष्या और अहंकार वश परेशान किया है, वैसे ही हमारे गुरुदेव परम पूज्य संत श्री आशाराम जी बापू के साथ भी पिछले कई वर्षों से बिकाऊ मीडिया, सरकारी तन्त्र और कुछ षड्यंत्रकारियों द्वारा दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
परन्तु ये शक्तियां संतों की महानता से अनभिज्ञ हैं और मूर्खतावश समझती हैं कि उनके दुर्व्यवहार से संत दुखी होंगे। उन्हें पता ही नहीं है कि संत सदा परम ब्रम्हभाव में स्थित हो कर संसार को स्वप्नतुल्य समझते हैं। ऐसे में यह संसार उन्हेें कैसे दुखी और परेशान कर सकता है।
दुनिया उसको क्या सताएगी
हर सांस में जिसके सोहम हो
रामायण हो और गीता हो
दुनिया उसको क्या सताएगी
जो आत्मभाव में जीता हाे
मृत्यु का उसको भय कैसा
जिसने खुद काल को जीता हो
दुनिया उसको क्या सताएगी
जो आत्मभाव में जीता हाे
क्या कैद करोगे जेलों मैं
जो भक्त ह्रदय में बसता हो
दुनिया उसको क्या सताएगी
जो आत्मभाव में जीता हाे
उसको भूखा क्या मारोगे
हर पल अमृत जो पीता हो
दुनिया उसको क्या सताएगी
जो आत्मभाव में जीता हाे
हर नर में जिसको राम दिखे
नारी में देखे सीता को
दुनिया उसको क्या सताएगी
जो आत्मभाव मेें जीता हो
व्यसनों में कैसे फंस सकता
मन को ही जिसने जीता हो
दुनिया उसको क्या सताएगी
जो आत्मभाव में जीता हाे
राजाओं का उसको मूल्य कहां
जिसने देवों को जीता हाे
दुनिया उसको क्या सताएगी
जो आत्मभाव में जीता हाे
सारा ही जीवन जिसका
पर कल्याण मेें बीता हो
दुनिया उसको क्या सताएगी
जो आत्मभाव में जीता हाे
हर सांस में जिसके सोहम हो
रामायण हो और गीता हो
दुनिया उसको क्या सताएगी
जो आत्मभाव में जीता हाे
आदर सहित
हेमन्त कुमार वर्मा
भरूच
9662526272